नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका नए आर्टिकल Top 10 fact about Baba Saheb Ambedkar in hindi में। दोस्तों इस आर्टिकल में हम बात करेंगे भारत के संविधान निर्माता और भारत रत्न धारक बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बारे में। इनके बारे में आपको कुछ ऐसे रोचक तथ्यों से रूबरू करवाएंगे जिन्हे शायद आप नहीं जानते होंगे।
अद्वितीय प्रतिभा के धनी बाबा साहेब का जीवन सभी की तरह सामान्य नहीं गुजरा Most literate person होने के बावजूद उन्हें समाज के कुरीतियों का सामना करना पड़ा और आखिरी सांस तक इन्होंने संघर्ष किया। प्रेरणा और संघर्ष से भरा उनके जीवन के के बारे में 10 महत्वपूर्ण बाते जानेंगे।
Intresting fact about Baba Saheb Ambedkar | Birth, Education, Career, struggle and Death
1. बाबा साहेब भारत के पहले कानून मंत्री, सबसे अधिक डिग्री धारक, संविधान निर्माता, अर्थशास्त्र फिलॉस्फर और समाज सुधारक थे। दलितों के मसीहा, पिछड़े वर्ग के उत्थान और महिलाओं को शिक्षा का हक दिलाने के लिए इन्होंने अपने जीवन का परित्याग कर दिया।
2. बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर के पास महू छावनी नामक जगह पर हुआ था। उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सूबेदार पद पर थे जिस वजह से उनकी पोस्टिंग इंदौर में हुई थी लेकिन 3 साल बाद 1894 में रिटायर होने के बाद इनके पिता महाराष्ट्र के सतारा में शिफ्ट हो गए।
इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सुकपाल और माता का नाम भीमा बाई था। बाबा साहेब अपने माता पिता के 14वें व आखिरी संतान थे जिसमे से सिर्फ छः ही बच पाए थे। 1906 में 15 वर्ष की आयु में इनका विवाह रमाबाई से करा दिया गया।
3. 1907 में इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण कर एलफिंस्टन कॉलेज में प्रवेश लिया जो Bombay University से संबंधित था और उसमे प्रवेश लेने वाले पहले अस्पृश्य छात्र थे। 1912 में Bombay University से ग्रेजुएशन पूरा किए संस्कृत पढ़ने की मनाही पर फारसी से उत्तीर्ण हुए। 1913 में एक योजना के तहत 755 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति लेकर न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नाकोत्तर के लिए अमेरिका चले गए।
4. 1916 में स्नाकोत्तर पूरा कर लंदन चले गए वहां “ग्रेज इन” में बैरिस्टर कोर्स के लिया दाखिला लिया साथ ही Londonof Economics में दाखिला लेकर Doctrate of Economics Thesis पर काम शुरू किया। 1921 में पॉलिटिकल साइंस से मास्टर डिग्री हासिल कर दो वर्ष बाद डीएससी की डिग्री प्राप्त की।
5. 1927 में अर्थशास्त्र से डीएससी की डिग्री हासिल कर जर्मनी में भी कुछ महीने पढ़ाई के लिए गुजारे। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद ब्रिटिश बार में बैरिस्टर के रूप में काम किया और 8 जून 1927 को कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया।
6. विदेश से लौटने के बाद देश में छुआछूत और जातिगत भेदभाव की बहुत बड़ी बीमारी थी। उन्होंने देखा की किस तरह छुआछूत और जातिगत भेदभाव देश को बिखेर रही और इंन सबसे से देश को मुक्त करना अपना कर्तव्य समझा जिसके लिए मोर्चा शुरू कर दिया।
7. सबको समान हक दिलाने के लिए उन्होंने सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत सभी के लिए खोले जाने की मांग की साथ ही मंदिरों में सभी जातियों के प्रवेश के लिए भी मांग की। उन्होंने अग्रेजों के सहमति के बाद अछूतो को पृथक निर्वाचिका की मांग की जिसका पहले महात्मा गांधी ने विरोध किया बाद में poona pact के तहत अंबेडकर और गांधी जी में सहमति बनी।
8. अंबेडकर जी पढ़ने के बहुत शौकीन थे उन्होंने अपना निजी घर बनाने के बाद लाइब्रेरी का निर्माण किया जिसमे 50,000 किताबे थी और सभी किताबे बाबा साहेब द्वारा पढ़ी हुई थी। उन्होंने ड्यूटी 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे की, डियरनेस एलाउंस, ट्रेनिंग एलाउंस और पीएफ, ESI बाबा साहेब ने ही शुरू की। उन्होंने कई पत्रिकाएं भी प्रकिशित की जैसे मुकनायक, थॉट्स ऑन पाकिस्तान इत्यादि।
9. इनकी पत्नी रमाबाई की 1935 में लंबी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। 1940 तक इन्हें भी कई बीमारियों ने घेर लिय जिसके इलाज के लिए बॉम्बे में एक ब्राह्मण डॉक्टर सविता से मुलाकात हुई बाद में नजदीकिया बढ़ने के वजह से बाबा साहेब ने 15 अप्रैल 1948 को डॉक्टर सविता से दूसरी शादी कर ली।
बाबा साहेब को दिसंबर 1946 में ड्राफ्टिंग कमीशन का अध्यक्ष बनाया गया और देश आजाद होने के बाद संविधान निर्माण के लिए इन्हें ही चुना गया जिसे इन्होंने दो वर्ष 11 माह 18 दिन में बनाकर तैयार किया।
10. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को देश में लागू किया गया। 1951 में कानून मंत्री के पद से त्याग पत्र दे दिया और हिंदू धर्म को छोड़ 14 अक्टूबर को पांच लाख लोगो के सामने अपना धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपना लिया।
लंबे समय से स्वास्थ्य खराब होने की वजह से 6 दिसंबर 1956 को बाबा साहेब ने अपने घर दिल्ली में आखिरी सांस ली। बौद्ध धर्म परिवर्तन के बाद से उनका अंतिम संस्कार बौद्ध धर्म रीति रिवाज के अनुसार किया गया।
Conclusion: इस आर्टिकल में मैने Baba Saheb Ambedkar से जुडी 10 रोचक जानकरी दी है। उम्मीद करते है बाबा साहेब भीम रओ आंबेडकर से जुडी यह रोचक जानकारी आपको पसंद आयी होगी और यह आर्टिकल आपके लिए जानकारी का स्रोत बना होगा। कोई भी प्रश्न या कन्फूशन हो तो आप कमेंट कर सकते है साथ ही लेख अपने दोस्तों में शेयर करना न भूले।
FAQ
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