हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक और नए आर्टिकल में जिसमे हम जानेंगे दुनिया का सबसे खतरनाक वायरस के बारे में। जैसा की आप सभी ने देखा किस तरह पूरी दुनिया कोरोना वायरस से ग्रषित थी लेकिन क्या आपको पता है कोरोना वायरस से पहले भी कई और वायरस धरती में तबाही मचा चुके है जिनके वजह से लाखो लोगो की मौत हुई थी।
साइंटिफिक अमेरिकन मैगज़ीन के अनुसार धरती पर वैज्ञानिको ने करीब 6 लाख से ज्यादा वायरस मौजूद होने का प्रमाण दिया था। इस आर्टिकल में हम उन सभी वायरस में से सबसे खतरनाक 10 वायरस के बारे में जानेगे जिन्होंने सबसे अधिक संख्या में लोगो को ग्रषित किया है। तो चलिए पढ़ते है Top 10 most dangerous virus के बारे में।
कोरोना से पहले आने वाले 10 सबसे खतरनाक वायरस की सूची
10. Congo virus
यह वायरस सबसे पहले अफ्रीका फिर यूरोप और उसके बाद एशिया के कई अन्य देशो में फैला। इस वायरस से सबसे पहला संक्रमण वर्ष 1944 में क्रीमिया में सामने आया। 1969 में इस वायरस से कांगो में विशाल रूप से संक्रमण फैला पहले क्रीमिया फिर कांगो में फैलने के वजह से इसका नाम क्रीमियम कांगो वायरस रखा गया।
यह शुरुआत में में जानवरों में पाया गया लेकिन फिर धीरे-धीरे जानवरो से इंसानो में फैलने लगा। इसे सर्वप्रथम बार खटमल कीड़ा और पशुओं में लगी किलनी में देखा गया था। इस वायरस को पूरी शरीर मे फैलने में 3 से 9 फिन लगते हैं।
लक्षण- बुखार का एहसास होंना, मांशपेशियों में दर्द, चक्कर आना और आंखों में जलन आदि।
9. Lassa Virus
Lassa Virus एरीना वायरस परिवार या सदस्य है जिसका सबसे पहले संक्रमण नाइजीरिया में फैलना शुरू हुआ था। नाइजीरिया के बाद यह घना, गिनी, लाइबेरिया और पश्चिम अफ्रीकी की अन्य देशों में तेज़ी से फैलने लगा।
इस वायरस की उत्पत्ति चूहों के मल- मूत्र से हुई। लासा बुखार एक गंभीर वायरल हिमोरेजिक बीमारी है जो lassa virus से होता है। लासा बुखार की अवधि लगभग 10 से 21 दिन की होती है। इंसानो में इसका संक्रमण चूहों के मल- मूत्र के सम्पर्क में आने से फैलना शुरू हुआ था।
लक्षण- लो ग्रेड का बुखार आना, सामान्य कमजोरी उसके बाद सर दर्द करना, गले मे दर्द, सीने में दर्द आदि।गंभीर रूप से फैलने पर चेहरे की सूजन, फेफड़ों में पानी भरना, मुँह, नाक और आँत से खून आना आदि।
8. Rota Virus
यह वायरस Flaviviridae परिवार से है जो दिन के समय मे सक्रिय रहते हैं। यह कई देशों को आने चपेट में लिया था जिसमें मुख्यतः ब्राज़ील था जहाँ 15 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से खतरे के दायरे में आये थे। यह वायरस सबसे पहले अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कुछ देशों में पाया गया। उसके बाद धीरे- धीरे यह 23 देशो में फैल गया।
यह वायरस एडीज़, एडिप्टी तथा अन्य मच्छरों के प्रजातियों से फैलता है। सर्वप्रथम बार इस वायरस की पहचान 1947 में हुई थी। यह वायरस शरीर के तांत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिसके चलते लोग लकवा के शिकार हो जाते हैं।
लक्षण- बुखार, जोड़ो का दर्द, शरीर पर लाल चकते पड़ना, आंंखो का लाल होना आदि।
7. Corona Virus
यह कई प्रकार के वायरसों का समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। सर्वप्रथम यह चीन के वुहान शहर में पाया गया उसके बाद जर्मनी फिर धीरे- धीरे अनेक देशों में फैलने लगा। यह वायरस मानव बाल की तुलना में 900 गुना छोटा और पतला है। इस वायरस की अनुवांशिक संरचना 80 फीसदी तक चमगादड़ में पाई जाने वाली सार्स वायरस जैसी मिली। इस वायरस के अबतक पूरी दुनिया 2 करोड़ 16 लाख मामले सामने आए हैं जिसमे 7 लाख 72 हज़ार लोगो की मौत हुई है तथा 1 करोड़ 35 लाख ठीक हुए हैं।
भारत मे इसका पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया था। भारत मे अबतक 25 लाख मामले सामने आए हैं जिनमे लगभग 50 हज़ार लोगो की मौत हुई है तथा 18 लाख लोग ठीक हुए हैं। इस वायरस की वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड में बन चूकी है जिसका ट्रायल किया जा रहा।
6. Hanta virus
पूरी दुनिया जहाँ एक तरफ कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही तो वही दूसरी तरफ एक दूसरा वायरस भी दस्तक दे दिया जिसके नाम hanta virus है। सबसे पहले चीन में 33 मार्च को एक शख्स की मौत हुई जिसका बाद में जांच करने पर hanta virus से पॉजिटिव पाया गया। यह वायरस कूटरने वाले जानवर जैसे चूहा और गिलहरी में पाया गया।
यह वायरस कोरोना की तरह हवा के माध्यम से नही फैलता लेकिन कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक होता है। Hanta Virus से औसतन मृत्यु दर 38% है।
लक्षण- तेेेज़ बुखार, सर दर्द, बदन दर्द और उल्टी आदि। संक्रमण ज्यादा फैलने पर सांस लेने में समस्या होने लगती है। इस वायरस से संक्रमण का पता लगने में एक से आठ हफ्ता का समय लगता है।
5. HIV Virus
HIV virus का फुल फॉर्म Human Immunodeficiency Virus होता है। यह रेट्रोवायरस परिवार का एक सदस्य है जो AIDS (Acquired Immunodeficiency Syndrome) का कारण बनती हैAIDS की वजह से मनुष्यों में प्रतिरक्षा तंत्र विफल होने लगता है जिसके परिणामस्वरूप ऐसे अवसरवादी संक्रमण हो जाते हैं जिनसे मृत्यु का खतरा होता है। 1981 में इस वायरस की खोज हुई थी। पूरे विश्व मे लगभग 0.6 जनसंख्या HIV से संक्रमित है।
लक्षण- सरदर्द, गला सुखना, उल्टी, थकान, मसल्स में दर्द, सूजन और छाती पर लाल रैशेस आदि। HIV वायरस का पहला लक्षण 2 से 6 हफ़्तों के बीच दिखाई देने लगता है।
4. Spanish Flu
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान 1918 में इस वायरस ने पूरी दुनिया मे कहर ढाया था। पूरी दुनिया मे यह 5 करोड़ – 10 करोड़ लोगों को अपना शिकार बनाया था। भारत में भी यह जमकर तांडव मचाया जिस वजह से 14 लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आये थे। भारत मे सबसे पहले यह वायरस बॉम्बे में फैलना शुरू हुआ था। spanish flu H1N1 एन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला दो महामारियों में से पहला था। दूसरा 2009 में स्वाइन फ्लू था। इस वायरस का प्रकोप बूढो, बच्चों के साथ युवाओ में भी तेजी से फैला तथा इस वायरस से संक्रमित लोगो की मृत्यु दर भी उच्च थी।
लक्षण- बुखार, सिरदर्द, सुखी खांसी, सांस फूलना, गले मे खराश आदि।
3. Swine Flu
यह काफी वायरल बीमारी है जो H1N1 वायरस से होती है। इस बीमारी का वायरस सर्वप्रथम 2009 में मेक्सिको में पाया गया था। यह वायरस सबसे पहले सूअरों में पाया गया उसके बाद इंसानो में फैलने लगा। यह वायरस देखते- देखते सौ से ज्यादा देशो को अपने चपेट में ले लिया। इस वायरस का संक्रमण हवा के माध्यम से फैलता है।
यह बीमारी कम उम्र के व्यक्तिओ, बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं में तीव्र रूप से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने के पश्चात 1 से 7 दिन के अन्दर लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। इस वायरस की दवा और वैक्सीन बनाई जा चुकी है।
लक्षण- नाक से पानी बहना या नाक बंद होंना, गले मे खरास, सर्दी- खाँसी, बुखार, सरदर्द, थकान आदि।
2. Ebola Virus
इस वायरस की सर्वप्रथम पहचान सन 1976 में इबोला नदी के पास पाया गया था इसलिए इसका नाम इबोला वायरस रखा गया। इस वायरस से संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। इस वायरस से होने वाले रोग पसीने और लार से फैलता है। संक्रमित खून और मल के सीधे संपर्क में आने से भी फैलता है।
इस वायरस से 50- 80 फीसदी लोगो की मौत रिकॉर्ड की गई। इसके संक्रमण से रोगी की त्वचा गलने लगती है यहाँ तक कि हाथ-पैर से से लेकर पूरा शरीर गल जाता है। इबोला वायरस के शरीर में फैलने से नशों से मांशपेशियों में खून उतर जाता है।
लक्षण- उल्टी- दस्त, बुखार, सिरदर्द, रक्तस्त्राव, आंखे लाल होना आदि।
1. Marburg Virus
यह एबोला वायरस की तरह ही है जिसे पहली बार वर्ष 1967 में खोजा गया था। यह वायरस जर्मनी के एक लैब से लीक हुआ था जो बन्दरो से इंसानो में आया था। इसका नाम जर्मनी के मारबर्ग शहर के नाम पर रखा गया है।
इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के 90% से ज्यादा मौत का खतरा रहता हैं। इस वायरस के संक्रमण से हेमरेजिक नामक बुखार होता है जो बहुत तेज़ रहता है उसके साथ ही शरीर के अन्य अंगों से खून निकलने लगता है जिससे मौत का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
लक्षण- असहनीय सरदर्द, जोड़ो और मांसपेेेशियो मेंं दर्द, कमजोरी होना आदि।
निष्कर्ष – तो दोस्तों आपने दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस ( Top 10 most dangerous virus ) के बारे में जाना जिसमे कुछ कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। लिस्ट में शामिल सभी वायरस को उनके द्वारा हुए मौत के आकड़ो के अनुसार सूची में रखा गया है। ऐसे ही Top 10 सम्बंधित फैक्ट पढ़ने के लिए जुड़े रहे और लेख को शेयर करना ना भूले।
Image credit – quint.com
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