कहते हैं किसी देश मे बदलाव करना हो तो सबसे पहले शिक्षा नीति को बदलना चाहिए और आज (30 जुलाई 2020) को इसकी घोषणा हो गई है। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति की घोषणा कर दी है।
हम आपको इस article के माध्यम से बताएंगे की what makes new changes in education policy तथा देश के तमाम छात्रों , उनके परिवार, माता -पिता के जीवन और समाज मे क्या-क्या बदलाव आने वाले हैं।
About Education Policy| शिक्षा नीति से जुड़ी जानकारी
यह इतिहास की तीसरी शिक्षा नीति (Education Policy) है जो पूरे 34 वर्ष बाद आई है। पहली शिक्षा नीति 1968 में इंदिरा गाँधी के सरकार में आई थी तथा दूसरी शिक्षा नीति 1986 में आई थी जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और यह तीसरी बार आयी है जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं।
1986 में जो शिक्षा नीति आयी थी उसमें थोड़ा सा बदलाव 1992 में किया गया था। 1986 के शिक्षा नीति में कोठारी कमीशन (Kothari Commission) ने शिक्षा पर 6% GDP खर्च करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन आज तक कभी ऐसा नही हो पाया।
आज तक शिक्षा पर देश की सम्पूर्ण GDP का 6% से कम ही खर्च किया गया है। तो चलिए जानते है इस नई शिक्षा नीति में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं–
10 Important Point about New Education Policy 2020| नई शिक्षा नीति से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण जानकारियां
1. अब तक भारत की स्कूूूली व्यवस्था 10+2 के format पर चलती थी लेकिन अब इसे 5+3+3+4 के format बाँट दिया गया है। इसके तहत स्कूल के पहले पाँच वर्ष की पढ़ाई Foundation Stage मानी जायेगी यानी इस दौरान छात्रों के लिए मजबूत नीव तैयार की जाएगी जिसमें pre Primary के तीन कक्षा शामिल होंगी।
2. इस stage के तहत शुरुआत के तीन साल छात्रों पढ़ाई खेलकूद तथा अन्य गतिविधियों के साथ होगी यानि किताबो का ज्यादा बोझ नही दिया जाएगा। कक्षा 3 से 5वी की पढ़ाई के दौरान छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा जिसके तहत विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान जैसे विषय पढाये जाएंगे।
3. इसके आगे की stage, middle stage (मध्य अवस्था) मानी जायेगी जिसमे कक्षा 6 से 8 तक के छात्र शामिल होंगे। इस स्टेज में तय पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को पढ़ाया जाएगा।
4. कक्षा 9 से 12वी तक चार साल की आखिरी स्टेज होगी जिसमें छात्रों को किसी विषय के प्रति गहरी समझ पैदा की जाएगी तथा उनकी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जाएगा और उन्हें जीवन मे बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
5. अब स्कूलों में stream system खत्म कर दिया गया जिससे यह है कि कोई भी छात्र अब किसी भी stream की पढ़ाई कर सकेगा।
For example- कला का छात्र चाहे तो Biology की से पढ़ाई कर सकेगा ऐसे ही विज्ञान का छात्र इतिहास से पढ़ सकेगा। इससे पहले तीन स्ट्रीम बनाये गए थे जो Art, Science तथा commerce थे और जो छात्र जिस स्ट्रीम को चुनता था उससे संबंधित ही सिर्फ पढ़ाई करता था।
6. कक्षा 5वी तक कि पढ़ाई मातृृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा मे ही होंगी यानी अंग्रेजी की अनिवार्यता खत्म कर दी जाएगी।
For example- कोई छात्र या उसके माता-पिता अपने बच्चे को मराठी, तेलुगु या गुजराती में पढ़ाना चाहते है तो पढा सकते है।
7. कक्षा 6 में जाने के बाद कंप्यूटर की शिक्षा तथा coding संबंधित ज्ञान दिए जाएंगे। coding के अलावा मोबाइल फोन बनाने की तकनीक तथा internship का मौका भी दिया जाएगा यानी किसी विषय मे विशेष रूचि होने पर प्रैक्टिकल ट्रैनिंग का मौका मिलेगा।
For example- अगर किसी छात्र को painting में रुचि है तो उसे किसी painter द्वारा training कराई जाएगी।
8. कक्षा 9 से 12वी तक की परीक्षाएं सेमेस्टर सिस्टम के आधार पर होंगी। एक बर्ष में 2 सेमेस्टर होंगे तथा 6 महीने पर एक परीक्षा होगी। दोनो सेमेस्टर का अंक जोड़कर final marksheet तैयार की जाएगी। रिपोर्ट कार्ड 360 degree assessment के आधार पर तैयार किया जाएगा।
नोट- 360 degree assessment का मतलब यह है कि sport, Discipline, manner & behaviour सभी ध्यान में रखते हुए report कार्ड तैयार किया जाएगा।
9. कॉलेज छात्र अब कॉलेज एडमिशन में कटऑफ से कम नंबर आया है और एडमिशन नही मिल रहा तो छात्र CAT (Common Aptitude Test) दे पाएंगे जिसके तहत बोर्ड परीक्षा के नंबर तथा CAT नंबर जोड़कर एडमिशन मिल जाएगा। ग्रेजुएशन की पढ़ाई को अब तीन वर्ष तथा 4 वर्ष के समय-अंतराल में बांट दिया गया जाएगा।
पहले अगर आप बीच मे ही पढ़ाई छोड़ देते थे तो कोई भी डिग्री नही मिलती थी लेकिन नई शिक्षा नीति के अनुसार अगर आप एक वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ते है तो आपको एक वर्ष का सर्टिफिकेट दिया जाएगा ऐसे ही second year पूरा करके छोड़ने पर डिप्लोमा सर्टिफिकेट दिया जाएगा और तीन वर्ष पूरे करने पर आपको bachelor degree दे दी जाएगी।
अगर आप चार वर्ष का कोर्स करते है तो आपको degree बक साथ रिसर्च सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
10. कॉलेज छात्र अब अलग- अलग विषष ले सकेंगे तथा जब तक पढाई करना चाहेगे कर सकते है तथा जब चाहे छोड़ भी सकते हैं इस सिस्टम को Multi Entry तथा Multi Exit सिस्टम कहते हैं।
प्रत्येक छात्र के लिए एक credit Bank खोला जाएगा जिसके तहत आप एक साथ कई कोर्स कर सकेंगे और उनका अंक इस Credit Bank में जमा कर दिया जाएगा।
इस नई शिक्षा नीति की पूरी व्यवस्था सम्पूर्ण रूप से डिजिटल होगी।
