Here we know full history of Ram Mandir of Ayodhya from 1528 to 2020.
राम मंदिर से जुड़ी 10 इतिहासिक जानकारी
1. अयोध्या जो कि फैज़ाबाद के पास सरयू नदी के किनारेे है। अयोध्या भगवान श्री राम का जन्म स्थान है तथा उनका साम्राज्य भी अयोध्या में ही था।
बात शुरू होती है 1528 से जब बाबर का कमांडर मीर बाकी ने बाबरी मस्जिद बनवाई लेकिन वहाँ के लोकल लोगो कहना था कि बाबरी मस्जिद जहां बनी है वहाँ पहले मंदिर थी और उस मंदिर को तोड़कर या ढालकर ही बाबरी मस्जिद बनाई गई है।यही से यह मुद्दा उठा।
मुस्लिम लोग मस्जिद में इबादत अदा करते थे और हिन्दू लोग बाहर चबूतरा बनाकर वही पूजा किया करते थे।
2. सन 1853 में मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ने लगा तथा 1885 में महंत रघुवर दास फैज़ाबाद कोर्ट में राम चबूतरा पर मंदिर बनाने के लिए अर्जी दी लेकिन कोर्ट के जज ने मन्दिर बंनाने की इजाज़त नही दी।
22/23 दिसंबर 1949 को कुछ लोग मिलकर भगवान राम की मूर्ति मस्जिद में रख दिये और बताये की रामलला (बचपन के राम) प्रकट हुए है।
3. मूर्ति प्रकट की बात जानकर कुछ मुस्लिम जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) के पास गए और मूर्ति हटाने की अपील की लेकिन DM KK Nair ने मना कर दिया कि अभी हटायेगें तो दंगे हो सकते हैं जिससे law & order खराब होगा। 1950 में महंत रामचंद्र दास ने फिर से कोर्ट में अर्जी डाली की जब रामलला की मूर्ति प्रकट हो गयी है तो पूजा करने की अनुमति दी जाय लेकिन कोर्ट ने फिर से अनुमति नही दी।
कोर्ट ने दोनो धर्म को अंदर जाने को मना करके मस्जिद में ताला लगवा दिया।
4. 1959 में नीरमोही अखाड़ा जो कि हिंदुओं का एक ट्रस्ट है उसने केस किया की मन्दिर का कंट्रोल हमारेे हाथो में सौपा जाए जबकि 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड जो कि मुस्लिमो का एक संगठन है उसने अर्जी किया कि राम मूर्ति हटाया जाए और मस्जिद का कंट्रोल हमारे हाथों में सौपा जाए।
20-25 साल तक ऐसे ही मामला चलता रहा फिर 1980 के दशक में नया मोड़ लिया।
राम मंदिर से जुड़ा सम्पूर्ण इतिहास
5. 1980 में मुद्दा राजनीतिक रूप से फैल गया तथा 1986 में कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का दरवाजा खोल दिया गया और हिन्दुओ को पूजा करने की अनुमति मिल गयी लेकिन इस फैसले का विरोध मुस्लिमों ने जमकर किया। कई जगह दंगे भी किये। भाजपा ने इस मुद्दे को राजनीतिक बनाकर हर जगह फैला दिया तथा राम जानकी रथ यात्रा के लिए संगठन बनाया गया औऱ बजरंग दल का भी स्थापना किया गया।
शिला पूजन हुआ जिसके तहत श्री राम नाम के ईटो को एकत्रित किया गया।
6. 1989 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ताला बंद करके मामला को शांत करने को कहा लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां नही मानी और मंदिर शिलान्यास का समारोह रखी जिसे सुनकर मुस्लिम समुदाय हर जगह से विरोध करने लगा जिस कारण 1000 लोगों की मृत्यु भी हुई।
30 october 1990 को बाबरी मस्जिद गिराने का प्लान था लेकिन मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव के वजह से प्लान असफल हो गया।
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7. 6 दिसंबर 1992 को एक समारोह आयोजित किया गया था जिसमें कई सीनियर नेता शामिल थे जैसे लाल कृष्ण आडवाणी, अशोक सिंहल, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी आदि। समारोह में ज्यादा मात्रा में भीड़ थी मौजूद नेताओ के भाषण सुन भीड़ उग्र हो गयी और मस्जिद पर चढ़ कर तोड़- फोड़ करने लगी। शाम तक मस्जिद पूरी टूट चुकी थी।
मस्जिद तोड़ने के बाद वहां रामलला की मूर्ति रख दी गयी। मस्जिद गिरने के बाद हर जगह दंगे शुरू हो गए ये दंगे दिसंबर से जनवरी तक चलते रहे जिसमे 2000 से ज्यादा लोग मारे गए।
8. बाबरी मस्जिद गिराने का प्रभाव भारत के अलावा पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी देखने को मिला। पाकिस्तान और बांग्लादेश में कई हिन्दू मंदिर गिराए गए तथा हिन्दुओ पर हिंसा किये गए।
1993 में बॉम्बे में कई जगह बम ब्लास्ट भी किये गए जिसमे 200 लोग लगभग मारे गए। बाबरी मस्जिद गिराए जाने के पीछे के वजह की जांच के लिए Liberhan Commission बनाई गई जिसने 17 वर्ष बाद 2009 में रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट के अनुसार कुल 68 लोगो को दोषी ठहराया गया था जिनमे मुख्य लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अटल बिहारी वाजपेयी और कल्याण सिंह थे।
9. 30-40 साल तक लोकल कोर्ट में केस चलने के बाद 20 साल बाद तक हाई कोर्ट में केस चली उसके बाद 30 सितंबर 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आया जिसमे 2.77 एकड़ की विवादित ज़मीन का तीन हिस्सा किया गया। इस फैसले से दोनों पक्ष खुश नही थे।जिस वजह से मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। लगभग 7 वर्ष तक मामला सुप्रीम कोर्ट में चला उसके बाद सितंबर 2019 में 40 दिन तक लगातार सुनवाई हुई तथा 16 अक्टूबर को सुनवाई खत्म हुई।
आखिरकार 9 नवंबर को फैसला आया जिसमे पाँच जजो का फैसला शामिल था। फैसले में विवादित जमीन का केंद्रीय भाग रामलला विराजमान को दिया गया बाकी बचा हिस्सा रामजन्म भूमि ट्रस्ट को सौप दिया गया और तीन महीने के अंदर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट स्थापित करने का आदेश दिया गया।
मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन दी गयी।
10. कोर्ट के आदेशानुसार मंदिर निर्माण के पहले ट्रस्ट बनाया गया और 18 जुलाई तक मंंदिर का design फाइनल किया गया। 5 अगस्त को पहले भूूूमि पुुजन किया गया जिसमें शुद्ध 22 किलो चांदी का प्रयोग किया गया।
मन्दिर की बनावट: मंंदिर तीन साल में बनकर तैयार होगी। तीन फ्लोर में मंदिर बनेगी जिसकी लम्बाई 360 फ़ीट, चौड़ाई 235 फ़ीट और ऊँचाई 161 फ़ीट होगी। मंदिर में प्रवेश के लिए कुल पाँच द्वार होंगे जिनमे से एक मुख्य द्वार होगा जिसे सिंह द्वार कहा जायेगा।
मंदिर में कुल 24 दरवाजे होंगे जिनकी चौखट संगमरमर की बनी होगी। पूरी मंदिर में कही भी लोहे या स्टील का प्रयोग नही होगा। राम मंदिर के चारो तरफ छोटे- छोटे भरत मंदिर, सीता मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और गणेश मंदिर बनाये जाएंगे।
बाहर से मंदिर में प्रवेश के लिए चार मुख्य प्रवेश द्वार होंगे।
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