
1. यह एक हिस्ट्रीशीटर है जो गैंगेस्टर से राजनेता बना उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर देहात से।
Permanent तौर पर यह ग्राम बिकारू ब्लॉक चौबेपुर कस निवासी है।
2. युवावस्था में ही इसने खुद की एक गैैंग बना लिया था जिसका काम Murder करना और लोगो की जमीन हाथिंयाना था। इसके खिलाफ पहला मामला 1990 में हत्या के आरोप में दर्ज किया गया जो 2020 तक बढ़कर 60 से अधिक हो गए।
3. यह कानपुर में सबसे वांछित अपराधियों में से एक बन गया। यह भारतीय जनता पार्टी के हरिकिशन श्रीवास्तव से जुड़ा था जो पहले बहुजन समाज पार्टी से थे।
इसको विकास पंडित के नाम से जाना जाता है जिसका नामकरण 1999 में आई फ़िल्म अर्जुन पंडित को देखकर किया गया है।
4. 1995-96 में यह बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा था और जिला स्तरीय चुनाव बल के साथ काम करके जीता था। इसकी पत्नी का नाम ऋचा दुबे है जो स्थानीय निकायो से चुनाव जीती है।
5. विकास दुबे पर मर्डर , किडनैपिंग तथा illegal तौर पर जमींन हड़पना आदि आरोप हैं। २००१ में इसने भाजपा नेता संतोष शुकला जो उस समय राज्य मंत्री थे, को शिवली पुलिस स्टेशन में घुसकर गोली मारी थी।
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6 . कमाल की बात यह है की सैकड़ो समर्थक और थाने के सभी पुलिस वालो क सामनेउसने गोली मारी थी। अदालत में इसके खिलाफ मुकदमा चला लेकिन ना कोई सबूत पेश हुआ ना किसी ने गवाही दी जिससे वह अदालत से बाइज़्ज़त बरी हो हो गया।
7 . इस समय यह सुर्खियों में चल रहा है क्योकि————
चलिए बताते है आपको पूरा मामला इस पूरे मामले की शुरुआत होती है जुलाई की शाम करीब 5 बजे से घटनास्थल है लखनऊ से सवा सौ किलोमीटर तथा कानपुर से 50 किलोमीटर दूर कानपुर देहात के एक गाँव की। राहुल तिवारी नाम का एक शख्श शाम की शिवली थाना पहुँचता है तथा विकास दुबे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है की विकास दुबे उसे तथा उसके ससुर को जबरन किडनैप करता है और बंदी बनाकर मारता पीटता है तथा जमीन की कगजत पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाता है। शिकायत दर्ज करवाने पर थानाध्यक्ष विकास दुबे के घर पहुँचते है जहाँ विकास दुबे उनकी on duty बेइज्जती करता है और फिर थानाध्यक्ष वापस आकर अपने सीनियर अफसरों से सारी बात बताता है।
8. सारी बात अन्य अफसरो तक पहुचने पर सभी साथ मिलकर विकास दुबेे के घर रात में जाने का प्लान करते हैं क्योंकि पहले से ही विकास दुबेे पर कई case चल रहे थे।
विकास दुबे को किसी के द्वारा पता चल जाता है कि रात में अफसरों की team आने वाली है उसे गिरफ्तार करने और शायद एनकाउंटर भी कर सकती है। खबर मिल जाने पर विकास दुबे अपने सभी साथियों को बुला लेता है।
उसका घर किलानुमा ऊँचाई पर होने के कारण सभी छत पर चढ़कर हथियार के साथ पुलिस टीम के आने के इंतेज़ार करने लगे। विकास दुबे के पास Ak47 था जिसे लेकर वो भी हमले के लिए तैयार था।
9. पुलिस टीम तैयार होकर करीब 12-1 बजे के बीच पहुंचे। विकास दुबेे के घर के पास पहुचते ही उसके साथियों ने firing शुरू कर दी। सभी पुलिस वालेे अचानक firing होने पर इधर उधर भागने लगे तो कुछ जाकर गाँव वालों के घर मे छुप गए लेकिन विकास दुबे तथा उसके साथियों ने सभी को खोजकर सब पर हमला किया। करीब 45 मिनट- 1 घंटा तक मुठभेड़ चला उसके बाद विकास दुबे अपने साथियों के साथ अंधेरे में ही गाँव से बाहर भाग निकला। इस पूरे वारदात में deputy SP, sub-inspector तथा constable को मिलाकर कुल आठ लोगो की मौत हो जाती है तथा 5 घायल भी होते हैं।
10. घटना को अंजाम देने केे बाद विकास दुबे तथा उसके साथी रात के अंधेरे में भाग निकले। पहले ये लोग कानपुर से फरीदाबाद,हरियाणा पहुचते हैैं फिर फरीदाबाद से लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय कर मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुुंचता है महाकाल के मंदिर में।वहाँ मंदिर का security gaurd पहचान लेता हैै और पुलिस को खबर करता है जिससे पुलिस तुरंत पहुुँचकर विकास दुबे को उसके सााथियो सहित गिरफ्तार करती है। गिरफ्तार करके लाते समय 10 जुलाई की सुबह पुलिस वाले की बन्दूक निकाल भागने की कोशिश किया जिस वजह से पुलिस वालों ने विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया । एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया और साथ मे तीन पुलिस वाले भी घायल हुए।
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Nice
Vikas dubey is not a dabang
Bhai uske karname dabangg wale hi the